Monday, April 20

भोजन के सम्बन्ध में यह बाते ध्यान रखें !


  • प्रातः चाय काफी के बजाय नींबू पानी लेना चाहिए ।
  • निश्चित समय पर निश्चित मात्रा में भोजन करना चाहिए स्वाद के चक्कर में ज्यादा नही खाना चाहिए  |
  • ईश्वर ध्यान के बाद भोजन ग्रहण करना तथा भोजन के समय प्रसन्नचित्त रहना चाहिए । 
  • जिस भोजन को देखने से घृणा/अरूचि हो ऐसा भोजन सिर्फ ऐसा सोचकर कि पेट ही तो भरना है,नहीं खाना चाहिए। 
  • बासी भोजन नही करना चाहिए इससे आलस्य और स्मरण शक्ति में कमी होती है। 
  • शरीर के तापमान  से थोड़ा अधिक गर्म भोजन लाभकारी है, यह जल्दी पचता है वायु निकालता है    जठराग्नि प्रदीप्त करता है एवं कफ शुद्ध करता है। 
  • जली हुई रोटी सारहीन होती है। कच्ची रोटी पेट में दर्द अजीर्ण उत्पन्न करती है अतः इनसे बचना चाहिए । 
  • अधिक गर्म या अधिक ठण्डा दोनों प्रकार का भोजन दांतों के लिए हानिकारक होता है। 
  • भोजन में बीच में कम-से कम छः घन्टे का अंतर रखना चाहिए । 
  • शांतचित्त से भोजन करना चाहिए, भोजन करते समय टी.वी, देखना,पढ़ना, चर्चा करना निषिद्ध है | भोजन करने में कम-से कम 30 मिनट का समय लगाना चाहिए। 
  • ध्यान रहे - भोजन में सब्जियों और फल या सलाद  की मात्रा गेहूँ, चावल,दाल से तीन गुनी होनी चाहिए। 
  • ठूस-ठूस कर नही खाएं, थोड़ी भूख रहे तभी भोजन बंद कर देना चाहिए। 
  • दोपहर का भोजन के बाद दस बीस मिनट लेटकर विश्राम करना चाहिए। पर सोना नहीं चाहिए |शाम को भोजन के बाद कम से कम 20 मिनट  टहलना चाहिए। 
  • रात्रि  भोजन सोने से कम से कम दो घंटे पहले कर लेना चाहिए। 

No comments:

Post a Comment