- सूर्य नमस्कार करने से शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन डी मिलता है जिससे हड्डियों में ताकत आती है।
- सूर्य नमस्कार से शरीर का वजन संतुलित होता है इसके नियमित अभ्यास से डाइटिंग से भी ज्यादा फायदा पहुंचता है।
- नियमित रूप से इसके 12 आसनों को करने से रक्तसंचार नियमित होता है जिससे ब्लड प्रेशर की आशंका घटती है।
- सूर्य नमस्कार त्वचा के लिए अत्यंत लाभदायक है। इससे त्वचा सम्बन्धी रोगों में लाभ मिलता है |
- क्रोध एवं तनाव को नियंत्रित करता है ।
- इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है एवं शरीर लचीला होता है।
सूर्य नमस्कार की विधि
सूर्य नमस्कार के दौरान 12 आसन किए जाते हैं। इन्हें करने की प्रक्रिया इसप्रकार है।
- दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हों।
- श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाएं और हुए ऊपर की ओर तानकर भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं।
- श्वास धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकें। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें। घुटने सीधे रहें।
- श्वास को भरते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं। गर्दन को अब पीछे की ओर झुकाएं। इस स्थिति में कुछ समय रुकें।
- श्वास को धीरे-धीरे छोड़ते हुए दाएं पैर को भी पीछे ले जाएं जिससे दोनों पैरों की एड़ियां मिली हुई हों। पीछे की ओर शरीर को खिंचाव दें।
- श्वास भरते हुए दंडवत लेट जाएं।
- सीने से ऊपर के भाग को ऊपर की ओर उठाएं जिससे शरीर में खिंचाव हो।
- फिर पीठ के हिस्से को ऊपर उठाएं। सिर झुका हुआ हो और शरीर का आकार पर्वत के समान हो।
- पुनः चौथी प्रक्रिया को दोहराएं यानी बाएं पैर को पीछे ले जाएं।
- तीसरी स्थिति को दोहराएं यानी श्वास धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकें। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें।
- श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाएं और हुए ऊपर की ओर तानकर भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं।
- पुनः प्रथम स्थिति में आ जाएं।
http://www.youtube.com/watch?v=Bh6KsNoSqzg
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