By- Dr. Kailash Dwivedi
प्रसिद्द विज्ञान पत्रिका 'नेचर' में प्रकाशित एक खबर के अनुसार अमेरिका में वैज्ञानिकों ने पहली बार 'सूअर' के भ्रूण में मानवीय कोशिकाओं को विकसित करने की नई उपलब्धि हासिल की है। इसी के साथ जानवरों में लिवर, किडनी व अन्य मानवीय अंगों का विकास कर उन्हें मनुष्य में प्रत्यारोपित करने की राह खुल गयी है | इस सम्बन्ध में दो अलग-अलग प्रयोग हुए जिनमें पहला प्रयोग सूअर के गर्भ में प्रत्यक्ष रूप से मानव अंगों के विकास का हुआ एवं दूसरा प्रयोग मधुमेह रोग को समाप्त करने को लेकर चूहों पर किया गया |
पहली टीम का नेतृत्व करने वाले साक इंस्टिट्यूट के जीवविज्ञानी जुन वू तथा जुआन ने करीब नौ करोड़ वर्षों में प्रथम बार इंसान और सूअर के टिश्यू के निर्माण से ह्यूमन स्टेम सेल्स के योगदान का प्रदर्शन किया | इसके अंतर्गत सूअर में दो अलग-अलग जीनोम से बनने वाले मानवीय अंग व जानवर के भ्रूण के एक साथ विकास का अनूठा उदाहरण देखने में आया | अर्थात सूअर के भ्रूण में इन्सान के स्टेम सेल्स इम्प्लांट करने से इंसानी अंगों का भी विकास होगा, साथ ही सूअर का बच्चा भी उसी गर्भ में विकसित होता रहेगा |
वहीँ दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोक्यो के तोमोयुकी व हिदेयुकी तथा स्टेनफोर्ड की हिरोमित्सु नकाउची ने अपनी रिपोर्ट पेश की इस समूह ने डायबिटीज से ग्रस्त चूहे की कोशिकाओं को अन्य चूहे में डालकर पैनक्रियाज ग्लैंड को विकसित कर उसे पीड़ित चूहे में डालकर डायबिटीज ख़त्म करने में सफलता पायी गयी |
एक बार अंगों के विकसित हो जाने पर उसे मरीज के शरीर में ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। चूंकि ऐसे अंग मरीज की अपनी कोशिकाओं से विकसित किए जाते हैं, ऐसे में शरीर द्वारा उस अंग को स्वीकार नहीं किए जाने की संभावना बहुत कम होती है। इस प्रयोग की सफलता के बाद अब इंसान के अंगों को विकसित कर पाना संभव हो सकेगा।
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