Thursday, April 27

हकलाने की एक्यूप्रेशर चिकित्सा



By- Dr. Kailash Dwivedi

तुतलाना या हकलाना, के कारण :

  1. जन्मगत विकार
  2. ग्रंथियों की निष्क्रियता
  3. मनोवैज्ञानिक समस्याएं
  4. आत्मविश्वास की कमी 

उपचार :

इस रोग के उपचार हेतु दोनों हाथ एवं पैरों में पिट्यूटरी, थायरायड, पैराथायरायड एवं आड्रेनल ग्लैंड्स के प्रतिबिम्ब केन्द्रों पर नियमित रूप से दिन में दो-तीन बार 2-2 मिनट तक दबाब देना चाहिए | 

इसके अतिरिक्त गर्दन पर जहाँ से रीढ़ की हड्डी प्रारंभ होती है, वहां तथा दोनों कंधो के बीच के केन्द्रों पर दबाब देना चाहिए | (चित्र देखें)

दबाब कैसे दें :

सही दबाब देने के लिए यदि अंगूठा या अंगुली को एक स्थान पर टिकाकर गोलाई में बाएं से दायें तरफ दिया जाये (घड़ी की सुई की दिशा ) तो यह अधिक प्रभावी होता है |वैसे साधारण रूप से पम्पिंग मैथेड से भी दबाब दिया जा सकता है | पम्पिंग मैथेड में प्रतिबिम्ब केंद्र पर 4-5 सेकेण्ड के लिए दबाब देकर 2 सेकेण्ड के लिए दबाब हटा लिया जाता है, और पुनः इसी तरह से दबाब दिया जाता है | अंगूठे एवं अंगुली के अतिरिक्त लकड़ी व प्लास्टिक के बने कई तरह के उपकरण भी दबाब देने के काम में आते हैं | इसे ‘जिम्मी’ कहते हैं | 

सावधानियां :

  • दबाब देने से पूर्व यह ध्यान रखें कि आपके हांथों के नाखून अधिक बढ़े हुए न हों |
  • टूटी हुयी हड्डी पर भी सीधे तौर पर दबाब न दें |
  • सम्पूर्ण रोगमुक्ति हेतु यह आवश्यक है कि चिकित्सा के साथ-साथ रोगी का आहार परिवर्तन भी किया जाये |
  • भोजन के तुरंत बाद दबाब न दें | भोजन से पूर्व व बाद में 30 – 30 मिनट का अंतर रखें |


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