By- Dr.Kailash Dwivedi
प्राकृतिक चिकित्सा को समझना एवं करना जितना सरल है उतना ही निरापद भी है | प्राकृतिक
चिकित्सा में पञ्च-तत्वों - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु
और आकाश के माध्यम से विकसित उपचारों को रोग निवारण हेतु शरीर पर उपयोग किया जाता है
| इसे करने के लिए किसी बहुत बड़े संसाधन की आवश्यकता नहीं होती | इसके प्रयोग में भी
अन्य चिकित्सा पद्धतियों की तुलना में में बहुत कम खर्च आता है | प्रस्तुत पुस्तक के द्वारा यह प्रयास है कि प्राकृतिक
चिकित्सा को इतना सरल व सुलभ बना दिया जाये कि प्रत्येक व्यक्ति स्वयं अपना चिकित्सक
बन सके एवं जीर्ण-जटिलतम रोगों से मुक्ति पा सके |
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