कब्ज से सम्बंधित वीडियो देखें -
कारण :
- अप्राकृतिक जीवन शैली
- कम रेशायुक्त भोजन का सेवन करना
- शरीर में पानी का कम होना
- कम चलना या काम करना
- कुछ खास दवाओं का सेवन करना
- बड़ी आंत में घाव या चोट के कारण यानि बड़ी आंत में कैंसर
- थायरॉयड हार्मोन का कम बनना
- कैल्सियम और पोटैशियम की कम मात्रा
- मधुमेह के रोगियों में पाचन संबंधी समस्या
- कंपवाद (पार्किंसन बीमारी)
लक्षण :
कब्ज, पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति (या जानवर) का मल बहुत कडा हो जाता है तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है, मल कड़ा हो जाता है, उसकी आवृति घट जाती है या मल निष्कासन के समय अत्यधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है। कब्ज के रोगी को सिर में भारीपन या दर्द बना रहता है | गैस,एसिडिटी,अजीर्ण आदि लक्षण भी प्रगटहोने लगते हैं |
उपचार :
प्रातः खाली पेट : पेट पर 10 मिनट गर्म सेंक देने के बाद 45 मिनट के लिए पेट पर मिटटी की पट्टी लगायें उसके बाद गुनगुने पानी का एनिमा दें |
यह क्रम लगातार एक सप्ताह तक दोहराएँ |
आहार चिकित्सा :
प्रातः – उषापान
नाश्ते में – गेहूं का दलिया या कोई मौसमी फल |
दोपहर भोजन – हरी सब्जी (बिना मिर्च-मसाले की) + सलाद + चोकर समेत बनी आंटे की रोटी |
4:00 बजे- सब्जियों का सूप 250 मिली.|
रात्रि भोजन – मिक्स वेजिटेबल दलिया या कोई हरी सब्जी + चोकर सहित आंटे की रोटी |
अन्य उपाय :
- रेशायुक्त भोजन का अत्यधित सेवन करना, जैसे साबूत अनाज
- ताजा फल और सब्जियों का अत्यधिक सेवन करना
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना
- वसा युक्त भोजन का सेवेन कम करे
- नमक ,छोटी हरड और काला नमक समान मात्रा में मिलाकर पीस लें। नित्य रात को इसकी दो चाय की चम्मच गर्म पानी से लेने से दस्त साफ आता हैं।
- ईसबगोल – दो चाय चम्मच ईसबगोल 6 घण्टे पानी में भिगोकर इतनी ही मिश्री मिलाकर जल से लेने से दस्त साफ आता हैं। केवल मिश्री और ईसबगोल मिला कर बिना भिगोये भी ले सकते हैं।
- चना – कब्ज वालों के लिए चना उपकारी है। इसे भिगो कर खाना श्रेष्ठ है। यदि भीगा हुआ चना न पचे तो चने उबालकर नमक अदरक मिलाकर खाना चाहिए। चेने के आटे की रोटी खाने से कब्ज दूर होती है। यह पौष्िटक भी है। केवल चने के आटे की रोटी अच्छी नहीं लगे तो गेहूं और चने मिलाकर रोटी बनाकर खाना भी लाभदायक हैं। एक या दो मुटठी चने रात को भिगो दें। प्रात: जीरा और सौंठ पीसकर चनों पर डालकर खायें। घण्टे भर बाद चने भिगोये गये पानी को भी पी लें। इससे कब्ज दूर होगी।
- बेल – पका हुआ बेल का गूदा पानी में मसल कर मिलाकर शर्बत बनाकर पीना कब्ज के लिए बहुत लाभदायक हैं। यह आँतों का सारा मल बाहर निकाल देता है।
- नीबू – नींबू का रस गर्म पानी के साथ रात्रि में लेने से दस्त खुलकर आता हैं। नीम्बू का रस और शक्कर प्रत्येक 12 ग्राम एक गिलास पानी में मिलाकर रात को पीने से कुछ ही दिनों में पुरानी से पुरानी कब्ज दूर हो जाती है।
- नारंगी – सुबह नाश्ते में नारंगी का रस कई दिन तक पीते रहने से मल प्राकृतिक रूप से आने लगता है। यह पाचन शक्ति बढ़ाती हैं।
- मैथी – के पत्तों की सब्जी खाने से कब्ज दूर हो जाती है।
- गेहूं के पौधों (गेहूँ के जवारे) का रस लेने से कब्ज नहीं रहती है।
- धनियाँ – सोते समय आधा चम्मच पिसी हुई सौंफ की फंकी गर्म पानी से लेने से कब्ज दूर होती है।
- दालचीनी – सोंठ, इलायची जरा सी मिला कर खाते रहने से लाभ होता है।
- टमाटर कब्ज दूर करने के लिए अचूक दवा का काम करता है। अमाशय, आँतों में जमा मल पदार्थ निकालने में और अंगों को चेतनता प्रदान करने में बडी मदद करता है। शरीर के अन्दरूनी अवयवों को स्फूर्ति देता है।
- कब्ज का प्रमुख कारण शरीर मे तरल की कमी होना है। पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। अत: कब्ज से परेशान रोगी को दिन मे २४ घंटे मे मौसम के मुताबिक ३ से ५ लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये। इससे कब्ज रोग निवारण मे बहुत मदद मिलती है।
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