लाभ :
वायु जोड़ मुद्रा की विधिः
कब और कितने समय तक करें :
वायु जोड़ मुद्रा को प्रातः-सायं 5 से 15 मिनट तक करना चाहिए |
- इस मुद्रा को करने से हाथ-पैरों तथा शरीर के दर्द में अत्यंत लाभ होता है।
- वायु जोड़ मुद्रा के निरंतर अभ्यास से गठिया, वात, गैस, कमजोरी, आंतों के रोग, कब्ज दूर होती है |
- इसके अभ्यास से महिलाओं का मासिकधर्म समय पर न आना या ज्यादा मासिकस्राव का आना जैसे रोग समाप्त हो जाते हैं।
वायु जोड़ मुद्रा की विधिः
- दोनों हाथों की तर्जनी उंगलियों के अग्रभाग को आपस में मिलाने से वायु जोड़ मुद्रा बन जाती है। (हाथ की पांच उंगलियों में अंगूठे व मध्यमा के बीच की उंगली तर्जनी कहलाती है।)
कब और कितने समय तक करें :
वायु जोड़ मुद्रा को प्रातः-सायं 5 से 15 मिनट तक करना चाहिए |
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