Sunday, February 19

शीतपित्त ; कारण,लक्षण और उपचार



शीतपित्त के कारण :

  • गर्मी से आने के बाद ठंड़ा पानी, कोल्ड ड्रिंक या आइसक्रीम खाना |
  • तेल-मिर्च, गर्म मसाले और अम्ल रसों से बने चटपटे खाद्य पदार्थों और बाजार में बिकने वाले फास्ट फूट व चाइनीज खाना खाने से भी यह रोग होता है।


लक्षण :
शरीर पर लाल-लाल चकत्ते या ददोड़ पड़ना जिनमें मीठी- मीठी खुजली होना या चींटी की तरह काटने सा एहसास होता है। यह पूरे शरीर में फैल जाती है। चकत्ते की जगह त्वचा लाल और सूजनयुक्त हो जाती है और उनमें उभार दिखाई देता है।

घरेलू उपचार :
काली मिर्च पीसकर घी में मिलाकर चाटने से शीत पित्त में आराम मिलता है।
गेरु, हल्दी, मजीठ, काली मिर्च, अडूसा सब 10-10 ग्राम लेकर कूट- पीसकर मिलाकर सुबह-शाम चाटने से शीत पित्त में आराम होता है।
गुड के साथ हल्दी भुनकर खाने से शीत -पित्त और खुजली में बहुत आराम मिलता है।
अजवाइन और गुड़ खाने से शीतपित्त मिट जाता है।

परहेज :

  1. हरी साग-सब्जी, फल, रेशेदार खाद्य पदार्थ, पुराने चावल, जौ, मूंग, चना आदि का सेवन करें। नहाने में गर्म पानी का उपयोग करें।
  2. यदि  पित्ती उछल रही है तो उस समय नहाना नहीं चाहिए, ठंड़ी हवा से बचना चाहिए। ऐसी स्थिति में यदि कूलर या A/c चल रहा हो तो उसे बन्द कर दें |
  3.  भोजन में नमक की मात्रा कम कर दें ।
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