- मूली में फॉलिक एसिड, विटामिन सी और एंथोकाइनिन की भरमार होती है। ये तत्व शरीर को कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं। यह माना जाता है कि मुंह, पेट, आंत और किडनी के कैंसर से लड़ने में यह बहुत सहायक होती है।
- मूली के पत्तों को सुखा कर इसे जला लें ..अब बची राख को पानी में मिलाकर आग पर तबतक उबालें जबतक सूखकर क्षार का रूप न ले लें ..अब इस क्षार को ५०० मिलीग्राम क़ी मात्रा में नियमित सेवन श्वांस के रोगियों के लिए अच्छी औषधि है |
- सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
- मूली के बीज का चूर्ण पांच से दस ग्राम क़ी मात्रा में देने से स्त्रियों में अनियमित मासिकस्राव जैसी समस्या से निजात मिल जाती है I
- त्वचा के रोगों में यदि मूली के पत्तों और बीजों को एक साथ पीसकर लेप कर दिया जाये, तो यह रोग खत्म हो जाते हैं।
- मूली का सूप हिचकी को रोकने में कारगर होता है I
- मूली के पतले कतरे सिरके में डालकर धूप में रखें, रंग बादामी हो जाने पर खाइए। इससे जठराग्नि तेज हो जाती है।
- मूली के पत्तों का रस ..दिन में दो से तीन बार 25 से 30 मिली क़ी मात्रा में भोजन के बाद लेना लिवर की कमजोरी में लाभदायक है |
- पीलिया के रोगी के लिए मूली क़ी सब्जी पथ्य है |
- हाथ-पैरों के नाख़ूनों का रंग सफ़ेद हो जाए तो मूली के पत्तों का रस पीना हितकारी है।
- मूली के पत्ते खाने से दांतों का असमय हिलना बंद होता है।
- पेट में गैस बनती हो तो मूली के पत्तों के रस में नीबू का रस मिलाकर पीने से तुरंत लाभ होता है।
- चूंकि मूली के पत्तों में फास्फोरस होता है। भोजन के बाद इनका सेवन करने से बालों का असमय गिरना बंद हो जाता है।
- सौ ग्राम मूली के कच्चे पत्तों में नीबू निचोड़कर चबाकर निगल लें। इससे पेट साफ़ होगा और शरीर में स्फूर्ति आएगी।
- पानी में मूली का रस मिलाकर सिर धोने से जुएं नष्ट हो जाती हैं।
- आधी मूली को पीसकर उसका रस निकाल लें। इसे दो-दो घंटे बाद पिएं। यह कमज़ोर दांतों के लिए लाभदायक है।
By- Dr. KAILASH DWIVEDI (Naturopath) Medical Officer- Keshav Prakratik Chikitsa evam Yog Sansthan, Vrindavan, Mathura U.P.
Monday, April 6
मूली के औषधीय गुण
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