Thursday, May 7

प्लाविनी प्राणायाम

विधि :

  1. जमीन पर आसन बिछाकर पदमासन, सुखासन या सिद्धासन में बैठ जाएँ |
  2. दोनों नासिका (नाक के छिद्र) से वायु को को खींचकर फेफड़ों एवं पेट तक भरें |
  3. श्वास  को तब तक अन्दर रोककर रखें जब तक आराम से श्वास  को रोकना सम्भव हो। 
  4. दोनों नासा छिद्रों से धीरे-धीरे श्वास  छोड़ें अर्थात वायु को बाहर निकालें। 
  5. आराम से जितनी देर तक कर सकते इस तरह इस क्रिया को करें |

सावधानियां :

  • इसका अभ्यास को करने में जबरदस्ती बिलकुल न करें।
  • प्राणायाम भोजन के पहले खाली पेट करें |

लाभ :

  1. प्लाविनी प्राणायाम का अभ्यास सिद्ध  होने के बाद व्यक्ति कई दिनों तक बिना भोजन के रह सकता है |
  2. प्लाविनी प्राणायाम के नियमित अभ्यास से  जठराग्नि  प्रबल होकर पाचनशक्ति बढती है एवं  कब्ज से छुटकारा मिलता है। 
  3. इसके अभ्यास से  प्राण शुद्धि एवं आयु में वृद्धि होती है। 
  4. मन स्थिर व शांत होता है एवं  स्मरण शक्ति बढ़ती है। 
  5. प्लाविनी प्राणायाम का  पूर्ण रूप से अभ्यास कर लेने पर व्यक्ति बिना हाथ-पैर हिलाएं पानी में तैर सकता है।

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