ब्रह्म मुद्रा करने की विधि :
- पद्मासन,वज्रासन,सिद्धासन या पालथी लगाकर बैठ जाएँ
- गर्दन सीधी रखते हुए धीरे-धीरे दाईं ओर ले जाएं। कुछ देर रुकें और फिर गर्दन को सीधे बाईं ओर ले जाएं।
- कुछ सेकंड बाद पुनः दाईं ओर सिर घुमाएं। अब सिर को 3-4 बार क्लॉकवाइज (घडी की सुई की दिशा में) और उतनी ही बार एंटी क्लॉकवाइज घुमाएं।
ब्रह्म मुद्रा के अन्य लाभ
- इस आसन को करने से अवसाद व तनाव तो दूर होता है ही, साथ ही मूड फ्रेश रहता है।
- इसके नियमित अभ्यास से गर्दन की मांसपेशियां लचीली होती हैं और स्पोंडिलाइटिस नहीं होता।
- इससे आलस्य भी कम होता जाता है और बदलते मौसम के सर्दी-जुकाम और खाँसी से छुटकारा भी मिलता है।
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