By- Dr.Kailash Dwivedi
वसंत ऋतु के आरम्भ होते ही रंगों के त्योहार होली का बेसब्री से इंतजार होने लगता है। लेकिन इस त्योहार में पिचकारी, गुब्बारों, डाई तथा गुलाल में प्रयोग किए जाने वाले रंग त्वचा एवं बालों के लिए सुरक्षित नही होते हैं | इस लेख में हम आपको बता रहे हैं प्राकृतिक रंग बनाने की विधियाँ ..
लाल रंग बनाने की विधि :
पिसा हुआ लाल चंदन जिसे रक्तचंदन भी कहा जाता है, के दो छोटे चम्मच पाँच लीटर पानी में उबालने के पश्चात् इसे 15 लीटर पानी में मिला लें 20 लीटर रंगीन पानी तैयार हो जायेगा। यह त्वचा के लिए भी लाभदायक है। लाल चन्दन का पाउडर गुलाल की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
छाया में सुखाए गए गुड़हल के फूलों के पाउडर से लाल रंग तैयार किया जा सकता है।
लाल अनार के छिलकों को पानी में उबाल कर भी सुर्ख लाल रंग बनाया जा सकता है।
आधे कप पानी में दो चम्मच हल्दी पाउडर के साथ चुटकी भर चूना मिलाइए। फिर 10 लीटर पानी के घोल में इसे अच्छी तरह मिलाइए बस होली का रंग तैयार।
टमाटर और गाजर के रस को भी पानी में मिला कर रंग तैयार किया जा सकता है।
छाया में सुखाए गए गुड़हल के फूलों के पाउडर से लाल रंग तैयार किया जा सकता है।
लाल अनार के छिलकों को पानी में उबाल कर भी सुर्ख लाल रंग बनाया जा सकता है।
आधे कप पानी में दो चम्मच हल्दी पाउडर के साथ चुटकी भर चूना मिलाइए। फिर 10 लीटर पानी के घोल में इसे अच्छी तरह मिलाइए बस होली का रंग तैयार।
टमाटर और गाजर के रस को भी पानी में मिला कर रंग तैयार किया जा सकता है।
हरा रंग बनाने की विधि :
मेहँदी या हिना पाउडर को भी बतौर गुलाल इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही इसमें पानी मिला कर रंग तैयार किया जा सकता है | ध्यान रहे इस रंग के दाग आसानी से नहीं छूटते। परन्तु यह रंग बालों के लिए बहुत लाभदायक होता है |
गुलमोहर के पत्तों को अच्छी तरह सुखा कर पीस लें, प्राकृतिक हरा गुलाल तैयार हो जायेगा।
गेहूँ की हरी बालियों को अच्छी तरह पीसकर गुलाल तैयार कर सकते हैं।
पालक, धनिया या पुदीने के पत्तों के पेस्ट को पानी में मिलाकर रंग तैयार किया जा सकता है।
गुलमोहर के पत्तों को अच्छी तरह सुखा कर पीस लें, प्राकृतिक हरा गुलाल तैयार हो जायेगा।
गेहूँ की हरी बालियों को अच्छी तरह पीसकर गुलाल तैयार कर सकते हैं।
पालक, धनिया या पुदीने के पत्तों के पेस्ट को पानी में मिलाकर रंग तैयार किया जा सकता है।
गुलाबी रंग बनाने की विधि :
चुकंदर के टुकड़ों को 1 लीटर पानी में पूरी रात भीगने के लिए छोड़ दीजिए। इस घोल को आवश्यकतानुसार पानी में मिलाकर गुलाबी रंग तैयार कर सकते हैं।
केसरिया रंग बनाने की विधि :
केसरिया रंग टेसू के फ़ूलों से बनता है, जिसे पलाश भी कहा जाता है। टेसू के फूलों को रात भर के लिए पानी में भीगने के लिए छोड़ दीजिए। सुबह तक रंग तैयार हो जायेगा , इस पानी में औषधिय गुण होते हैं।
चुटकी भर चंदन पाउडर 1 लीटर पानी में मिलाने पर केसरिया रंग तैयार हो जाता है।
चुटकी भर चंदन पाउडर 1 लीटर पानी में मिलाने पर केसरिया रंग तैयार हो जाता है।
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