. By- Dr. Kailash Dwivedi
जानिए एक अनुभूत एवं अदभुत तेल बानाने की विधि जो जोड़ों के दर्द, घुटनो के दर्द, कंधे की जकड़न , साइटिका, कमर दर्द आदि को कर देगा चुटकियों में गायब।
आवश्यक सामग्री :
- सरसों या तिल का तेल : 500 ग्राम
- दालचीनी : 25 ग्राम
- कायफल की छाल : 250 ग्राम
- कपूर : 5 टिकिया
कायफल :
कायफल की छाल देखने मे गहरे लाल रंग की खुरदरी होती है | यह लगभग 2 इंच के टुकड़ों मे मिलती है। यह जड़ी बूटी बेचने वाली दुकानों पर आसानी से मिल जाता है। तेल बनाने के लिए कायफल की छाल को कूट कर बारीक पीस लेना चाहिए।तेल बनाने की विधि :
सर्वप्रथम लोहे की कड़ाही मे धीमी आंच पर सरसों या तिल का तेल गर्म करें। जब तेल गर्म हो जाए तब थोड़ा थोड़ा करके कायफल छाल का चूर्ण डालते जाएँ। कायफल छाल का चूर्ण डालने के पश्चात् दालचीनी का पाउडर डालें। जब सारा चूर्ण खत्म हो जाए तब कड़ाही के नीचे से आग बंद कर दे।
ठंडा हो जाने पर इस तेल को एक महीन सूती कपड़े छान ले। छानने के बाद इस तेल को हल्का गर्म कर इसमें 5 टिकिया कपूर का पाउडर मिला दे | इस तेल को कांच की बोतल मे रख ले। कुछ दिन मे तेल मे से लाल रंग का पदार्ध नीचे बैठ जाएगा। इसके बाद ऊपर के साफ़ तेल को दूसरी शीशी मे भर लें एवं 25 ग्राम दालचीनी का चूर्ण और मिला लें |
तेल छानने के बाद जो लाल रंग का पदार्थ बच जाए उसे फेंके नहीं बल्कि सुरक्षित रख लें |
प्रयोग विधि :
तेल को हल्का गर्म करके दर्द वाले अंग कम दबाव के साथ धीरे धीरे मालिश करें। इसके बाद लाल रंग वाले पदार्थ को कपड़े की पोटली में भरकर पोटली को तवे पर गर्म करके इस पोटली से दर्दयुक्त अंग की 10 मिनट तक सिंकाई करें |सावधानी :
तेल मालिश एवं सेक के 2 घंटे बाद तक ठंडा पानी न पियें।
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