Saturday, January 28

आँखों का फड़कना रोकते हैं यह सरल उपाय !




. By- Dr. Kailash Dwivedi

आँखों का फड़कना (blepharospasms),  मांस-पशियों का एक अनैच्छिक संकुचन है, जिसका मुख्य कारण तनाव होता है | इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं | आंखों का फड़कना  कभी-कभी शर्म एवं परेशानी का कारण बन जाता है। इस आलेख में पढ़ें आँखों के फड़कने से बचने के सरल उपाय |

आँखों की मसाज करें :

जिस आँख में फड़कन हो उसकी निचली पलक का हाथ की बीच वाली उंगली की सहायता से  गोलाई में लगभग 30 सेकेण्ड तक मसाज करें। इससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और साथ ही आँखों की माँसपेशियों को मजबूती मिलती है।

आँखों को जोर से बंद करें और खोलें :

जितना सम्भव हो उतनी जोर से आँखें बंद करें  फिर आँखों को खोल कर यथासम्भव फैलायें। इस क्रिया में यदि यदि दर्द का एहसास हो या आँख और जोर से फड़कने लगे तो इसे तुरंत रोक दें।

जोर-जोर से पलकों को झपकायें : 

तीव्र गति से पलकों को झपकाना शुरू करें । यह क्रिया आँखों के अधिकांश माँस-पेशियों को आराम पहुंचाती है एवं पुतलियों को चिकनाई देती है |

आँखों की हाइड्रोथेरेपी करें : 

दोनों आँखों को बंद करके क्रमशः गुनगुने और ठण्डे पानी का छींटा मारें। इससे रक्त वाहिकाओं में फैलाव एवं संकुचन होगा जिससे आँखों के फड़कने में आराम मिलेगा |


उत्तेजक खाद्य पदार्थों का सेवन न करें :

अधिक मात्रा में चाय, काफी, सोडा या उत्तेजक दवाओं को लेने से आँखों का फड़कना बढ़ सकता है। यदि इस तरह की कोई दवा आप ले रहे हैं तो उसको बंद करने या डोज करने के सम्बन्ध में अपने चिकित्सक से बात करें |

पर्याप्त मात्रा में पानी पियें :

शरीर में पानी की कमी आँखों में फड़कन उत्पन्न कर सकती है। इससे बचने के लिए पानी की मात्रा को बढ़ायें । प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी अवश्य पियें।

पर्याप्त नींद लें : 

कम नींद से आँखों में शुष्कता बढ़ती है | जिसके कारण आँखों का फड़कना बार-बार हो सकता हैं।इससे बचने के लिए  7 से 8 घंटे की नींद लें।

इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन्स का प्रयोग कम करें :

टी.वी., मोबाइल, कम्प्यूटर आदि, का अधिक प्रयोग आँखों के फड़कने का कारण हो सकता है | इनका सीमित प्रयोग करें।
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