By- Dr. Kailash Dwivedi
शरीर के किसी भी अंग में उत्पन्न हुयी गाँठ साधारण गाँठ से लेकर कैंसर तक हो सकती हैं। ठीक न होने वाली असामान्य गांठ अथवा आंतरिक या बाह्य रक्तस्राव कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। यह आवश्यक नहीं है कि सभी गांठे कैंसर ही हों। परन्तु फिर भी इस सम्बन्ध में सावधानी रखते हुए समय से इसकी जाँच एवं उपचार बहुत आवश्यक है | साधारण गांठे भले ही कैंसर की न हों लेकिन इनका भी इलाज आवश्यक होता है। उपचार के अभाव में ये असाध्य रूप ले लेती हैं, परिणाम स्वरूप उनका उपचार लंबा और जटिल हो जाता हैएवं इनका कैंसर में परिवर्तित होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है | इस लेख में जानिये एक ऐसे नुस्खे के विषय में जिससे कैसी भी गांठ हो, ठीक हो सकती है | यह औषधि स्वाद में कड़वी होती है परंतु अत्यधिक प्रभावी है। जब तक गाँठ पूरी तरह से समाप्त न हो जाये इस औषधि को बंद नहीं करना चाहिए |
निम्न गांठो में प्रभावी है यह नुस्खा :
- गर्भाशय की गांठ
- स्त्री पुरुष के स्तनो की गांठ
- टॉन्सिल
- गले की गाँठ (बढ़ी हुयी थायराइड ग्लैण्ड -Goiter)
- फैट की गांठ (LIPOMA)
- प्रोस्टेट की गांठ
- जांघ के पास की गांठ
- काँख की गांठ
- गले के बाहर की गांठ

आवश्यक सामग्री :
पंसारी के यहाँ से निम्न औषधि ले लें -
- कचनार की शाखा की ताजी छाल 25-30 ग्राम (यदि सूखी छाल हो तो - 15 ग्राम )
- गोरखमुंडी पाउडर - 1 चम्मच
तैयार करने की विधि :
कचनार की छाल को कूटकर 1 गिलास पानी मे उबाले। 2 मिनट तक उबालने के पश्चात् इसमे पिसी हुयी गोरखमुंडी 1 चम्मच की मात्रा में मिला दें | इस मिश्रण को 1 मिनट तक उबालकर छान लें ।सेवन विधि :
प्रतिदिन प्रातः खाली पेट इस काढ़े को बनाकर गुनगुना रह जाये तब पियें । गाँठ पुरानी होने की स्थिति में इस काढ़े को प्रातः-सायं दोनों समय ले।
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jai bharat
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