Thursday, January 19

शीघ्रपतन रोकने के लिए घरेलू उपाय

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  • मूसली के लगभग 10 ग्राम चूर्ण को 250 ग्राम गाय के दूध में मिलाकर अच्छी तरह से उबालकर किसी मिट्टी के बर्तन में रख दें। इस दूध में रोजाना सुबह और शाम पिसी हुई मिश्री मिलाकर सेवन करने से लिंग का ढीलापन, शीघ्रपतन और संभोग क्रिया की इच्छा न करना, वीर्य की कमी होना आदि रोगों में बहुत लाभ मिलता है।
  • कौंच को कपिकच्छू और कैवांच आदि के नामों से भी जाना जाता है। संभोग करने की शक्ति को बढ़ाने के लिए इसके बीज बहुत लाभकारी रहते हैं। इसके बीजों का सेवन करने से वीर्य की बढ़ोत्तरी होती है, संभोग करने की इच्छा तेज होती है और शीघ्रपतन रोग में लाभ होता है। इसके बीजों का उपयोग करने के लिए बीजों को दूध या पानी में उबालकर उनके ऊपर का छिलका हटा देना चाहिए। इसके बाद बीजों को सुखाकर बारीक चूर्ण बना लेना चाहिए। इस चूर्ण को लगभग 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम मिश्री के साथ दूध में मिलाकर सेवन करने से लिंग का ढीलापन और शीघ्रपतन का रोग दूर होता है।
  • शतावरी, गोखरू, तालमखाना, कौंच के बीज, अतिबला और नागबला को एकसाथ मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर 2-2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ रोजाना सेवन करने से स्तंभन शक्ति तेज होती है और शीघ्रपतन के रोग में लाभ होता है। रात को संभोग क्रिया करने से 1 घंटा पहले इस चूर्ण को गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से संभोग क्रिया सफलतापूर्वक संपन्न होती है। वीर्य का पतला होना, यौन-दुर्बलता और विवाह के बाद शीघ्रपतन होना जैसे रोगों में इसका सेवन बहुत लाभकारी रहता है।
  • मोचरस, कौंच के बीज, शतावरी, तालमखाना को 100-100 ग्राम की मात्रा में लेकर लगभग 400 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 2-2 चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम दूध के साथ सेवन करने से बुढ़ापे में भी संभोग क्रिया का पूरा आनंद लिया जा सकता है। इस योग को लगभग 2-3 महीने तक सेवन करना लाभकारी रहता है।
  • लगभग 6 चम्मच अदरक का रस, 8 चम्मच सफेद प्याज का रस, 2 चम्मच देशी घी और 4 चम्मच शहद को एक साथ मिलाकर किसी साफ कांच के बर्तन में रख लें। इस योग को रोजाना 4 चम्मच की मात्रा में सुबह खाली पेट सेवन करना चाहिए। इसको लगातार 2 महीने तक सेवन करने से स्नायविक दुर्बलता, शिथिलता, लिंग का ढीलापन, कमजोरी आदि दूर हो जाते हैं।
  • बबूल की कच्ची पत्तियां, कच्ची फलियां और गोंद को बराबर मात्रा में मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें और इनमें इतनी ही मात्रा में मिश्री मिलाकर किसी डिब्बे आदि में रख लें। इस चूर्ण को नियमित रूप से 2 महीने तक 2-2 चम्मच की मात्रा में दूध के साथ सेवन करने से वीर्य की वृद्धि होती है और स्तंभन शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा यह योग शीघ्रपतन और स्वप्नदोष जैसै रोगों में बहुत लाभकारी रहता है।
  • सफेद मूसली के चूर्ण और मुलहठी के चूर्ण को बराबर की मात्रा में मिला लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम शुद्ध घी के साथ मिलाकर चाट लें और ऊपर से गर्म दूध पी लें। इस योग को नियमित सेवन करने से धातु वृद्धि होती है, नपुंसकता दूर होती है और शरीर पुष्ट और शक्तिशाली बनता है।
  • 10-10 ग्राम धाय के फूल, नागबला, शतावरी, तुलसी के बीज, आंवला, तालमखाना और बोलबीज, 5-5 ग्राम अश्वगंध, जायफल और रूदन्तीफल, 20-20 ग्राम सफेद मूसली, कौंच के बीज और त्रिफला तथा 15-15 ग्राम त्रिकटु, गोखरू को एक साथ जौकुट करके चूर्ण बना लें। इसके बाद इस मिश्रण के चूर्ण को लगभग 16 गुना पानी में मिलाकर उबालने के लिए रख दें। उबलने पर जब पानी जल जाए तो इसमें 10 ग्राम भांगरे का रस मिलाकर दुबारा से उबाल लें। जब यह पानी गाढ़ा सा हो जाए तो इसे उतारकर ठंडा करके कपड़े से अच्छी तरह मसलकर छान लें और सुखाकर तथा पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में 20 ग्राम शोधी हुई शिलाजीत, 1 ग्राम बसन्तकुसूमाकर रस और 5 ग्राम स्वर्ण बंग को मिला लें। इस औषधि को आधा ग्राम की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम चाटकर ऊपर से गर्म दूध पी लें। इस औषधि को सेवन करने से पुरुषों के शरीर में बल और वीर्य की बढ़ोत्तरी होती है और वह संभोगक्रिया को लंबे समय तक चला सकता है। इस औषधि के सेवन काल के दौरान खटाई, तेज मिर्च-मसाले वाले और तले हुए भोजन का सेवन करना चाहिए।
  • मुलहठी के बारीक चूर्ण को 10 ग्राम की मात्रा में घी और शहद से साथ चाटकर ऊपर से दूध पीने से संभोग शक्ति बहुत तेज होती है।
  • सर्दी के मौसम में उड़द की दाल के लड्ड़ू बनाकर रोजाना सुबह के समय खाकर ऊपर से दूध पीने से शरीर में बल और वीर्य की वृद्धि होती है।
  • लगभग 20 ग्राम उड़द की दाल के छिलके उतारकर रात के समय पानी में भिगों दें। सुबह इस दाल को बारीक पीसकर पिट्ठी बना लें और कड़ाही में डालकर घी के साथ गुलाबी होने तक सेक लें। इसके बाद एक दूसरे बर्तन में 250 ग्राम दूध डालकर उबाल लें। दूध के उबलने पर इसमें सिंकी हुई उड़द की दाल डालकर पका लें। पकने पर इसमें शक्कर डालकर नीचे उतार लें। इस खीर को ठंडा करके रोजाना सुबह नाश्ते के समय 2 चम्मच शहद के साथ सेवन करने से पुरुष की संभोग शक्ति बहुत ज्यादा तेज हो जाती है।( उड़द की दाल और कौंच के बीजों को प्रयोग में लाने से पहले उन्हें गर्म पानी या दूध में उबालकर उनके छिलके उतार लेने चाहिए।)
  • लगभग 250 ग्राम शतावरी घृत में इतनी ही मात्रा में शक्कर, 5 ग्राम छोटी पीपल और 5 चम्मच शहद मिला लें। इस मिश्रण को 1-1 चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम दूध के साथ सेवन करने से संभोग करने की शक्ति तेज हो जाती है।
  • कौंच के बीज, उड़द, गेंहू, चावल, शक्कर, तालमखाना और विदारीकंद को बराबर मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में दूध मिलाकर आटे की तरह गूंथ लें। इसके बाद इसकी छोटी-छोटी पूड़ियां बनाकर गाय के घी में तल लें। इन पूड़ियों को खाकर ऊपर से दूध पीने से वीर्य की बढ़ोतरी होती है और संभोग करने की शक्ति तेज होती है। दिए गए द्रव्यों के देशी घी में लड़डू बनाकर सेवन करना भी बहुत लाभकारी रहता है।
  • दही की मलाई में उतनी ही मात्रा में वंशलोचन, कालीमिर्च, शक्कर, शहद और काली मिर्च मिला लें। इसके बाद एक मिट्टी के घड़े के मुंह पर साफ कपड़ा बांध देना चाहिए तथा उस कपड़े से दिए गए मिश्रण को छान लें। इससे मिश्रण छनकर उस घड़े के अंदर जमा हो जाएगा। इस छने हुए मिश्रण को रोजाना 2-2 चम्मच की मात्रा में घी के साथ सेवन करके ऊपर से दूध पीने से पुरुष के शरीर में ताकत आती है और संभोग शक्ति तेज होती है।
  • 30 पीस छोटी पीपल को लगभग 40 ग्राम तिल के तेल या गाय के घी में भूनकर बिल्कुल पाउडर बना लें। फिर उसमें शहद और शक्कर मिलाकर दूध निकालने के बर्तन में डालकर उसी के अंदर गाय का दूध दूह लें। इस दूध को अपनी रुचि के अनुसार सेवन करें। इसको 1-1 चम्मच की मात्रा में गाय के ताजा निकले हुए दूध के साथ सेवन करने से बल और वीर्य की वृद्धि होती है।
  • 100-100 ग्राम शतावरी, कौंच के बीज, उड़द, खजूर, मुनक्का दाख और सिंघाड़ा को मोटा-मोटा पीसकर चूर्ण बना लें। इसके बाद 1 लीटर दूध में इतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर इसमें चूर्ण को भी मिला लें और हल्की आग पर पकाने के लिए रख दें। पकने पर जब सिर्फ दूध बच जाए तो नीचे उतारकर छान लें। फिर इसमें लगभग 300-300 ग्राम चीनी, वंशलोचन का बारीक चूर्ण और घी मिला लें। इसके बाद इसमें शहद मिलाकर 50 ग्राम की मात्रा में रोजाना सुबह और शाम सेवन करने से बल और वीर्य बढ़ता है।
  • लगभग 25 ग्राम खस-खस के दाने, 25 ग्राम भुने चने, 25 ग्राम खांड और नारियल की पूरी गिरी को एक साथ कूटकर पीसकर रख लें। इस चूर्ण को रोजाना 70 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से शरीर में वीर्य और ताकत की बढ़ोत्तरी होती है।
  • लौंग, अकरकरा, कबाबचीनी, ऊदस्वालिस और बीजबंद को बराबर की मात्रा में लेकर कूटकर और पीसकर छान लें। इसके बाद इस चूर्ण के वजन से 2 गुणा पुराना गुड़ लेकर लेकर इसमें मिला लें और छोटी-छोटी गोलियां बना लें। यह 1-1 गोली रोजाना सुबह और शाम दूध के साथ 21 दिनों तक लेने से शरीर में बल और वीर्य की वृद्धि होती है और संभोग करने की शक्ति तेज होती है।
  • 25 ग्राम पिसी-छनी हुई मुलहठी, 25 ग्राम पिसी और छनी असगंध, और 12 ग्राम पिसा और छना हुआ बिधारा को एकसाथ मिलाकर शीशी में भर लें। सर्दी के मौसम में इसमें से 3 ग्राम चूर्ण को अच्छी तरह से घुटे हुए लगभग 0.12 ग्राम मकरध्वज के साथ मिला लें। इसके बाद इसे मिश्री मिले दूध के साथ रोजाना सुबह और शाम 3-4 महीनों तक सेवन करने से संभोग शक्ति तेज होती है।
  • लगभग 25-25 ग्राम सफेद बूरा, ढाक की छाल का रस, गेंहू का मैदा और शुद्ध घी को एकसाथ मिलाकर हलवा बना लें। इस हलुए को रोजाना सुबह और शाम सेवन करने से शरीर मजबूत बनता है, धातु पुष्ट होती है और संभोग करते समय चरम सुख की प्राप्ति होती है।
  • 10 ग्राम भैंस का घी और 10 ग्राम सितोपलादि चूर्ण को किसी कांच या मिट्टी के बर्तन में भरकर रख लें। फिर उसी बर्तन में गाय या भैंस का दूह लें तथा उस दूध को पी लें। रोजाना सुबह और शाम 3-4 महीनों तक इस दूध का सेवन करने से हर प्रकार की कमजोरी दूर हो जाती है, धातु पुष्ट हो जाता है, बल-वीर्य की बढ़ोतरी होती है, स्तंभन शक्ति बढ़ती है और संभोग शक्ति में रुचि उत्पन्न होती है।
  • सफेद चीनी, ग्वारपाठे का गूदा, घी और गेंहू के मैदा को बराबर मात्रा में एकसाथ मिलाकर हलवा बनाकर खाने से 21 दिन में ही पुरुष की नपुंसकता दूर हो जाती है।
  • 25-25 ग्राम केसर, पीपल, जायफल, जावित्री, अकरकरा, सोंठ, लोंग और लाल चंदन, 6 ग्राम शुद्ध हिंगुल, 6 ग्राम शुद्ध गंधक और 90 ग्राम अफीम को ले लें। इन सारी औषधियों को कूटकर और छानकर लगभग 20-20 ग्राम की मात्रा में रख लें। फिर सबको एकसाथ मिलाकर हिंगुल, गंधक और अफीम के साथ खरल में डालकर पानी मिलाकर घोट लें। इसके पूरी तरह से घुट जाने पर 0.36 ग्राम और 0.36 ग्राम की गोलियां बना लें। यह एक गोली रोजाना सोने से पहले खाकर ऊपर से दूध पीने से संभोग करने की शक्ति तेज होती है और स्तंभन शक्ति बढ़ती है।
  • सूखे बिदारीकंद को पीसकर उसमें ताजी बिदारीकंद के रस की 7 भावनाएं देकर उसमें मिश्री तथा शहद मिलाकर लगभग 20 ग्राम की मात्रा में नियमित रूप से 3 महीने तक सुबह के समय सेवन करने से बूढ़े लोग भी अपने शरीर में जवानों जैसी ताकत महसूस करते हैं।
  • लगभग 10-10 ग्राम जायफल, काला अनार, रुमी मस्तंगी, खस की जड़, बालछड़, दालचीनी, बबूल और शहद, 1 ग्राम कस्तूरी, 9 ग्राम सालममिश्री और 125 ग्राम मिश्री को एक साथ मिलाकर पीसकर छान लें। इस चूर्ण को 6 ग्राम की मात्रा में रोजाना सुबह और शाम 3-4 महीने तक सेवन करने से संभोग करने की शक्ति तेज हो जाती है।

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1 comment:

  1. Namaskar
    mera name Devendra hai meri umar 30 sal hai sir mujhe 4 sal se mera gala kharab rehta hai gale me under ki taraf uper ki or lal lal or dane jese rehte hai Jese jab hame kafi sardi jukham ho jata hai or gala kharab ho jata hai or nak kan gale me or dhodi per hontho ke niche kafi khujli machati rehti hai or din bhar ek dam gada chip chipa resa yukt taar jesa gond ke saman or spanj jesa caugh bhi niklta rehta hor or din bhar mugh me apne aap aata rehata hai or muhe khansi bhi rehti hai or seene me hamesha hi jalan machti rehti hai or sine me hamesha ghar ghar ki awaz aati rehti hai or caugh bhi bahut hi jiyada banta hor or nikalta hai or bese to mujhe bachapan se saan ki bimari hai, jo theek hone ka name hi nahi le rahi hai,or mushe eosinophilia bhi hai , jo mughe 3 sal se hai mene kafi ilaz karaya per mujhe khansi me to aaram mil jata hai per muh me jo dane hai unme aaram nahi milta or khansi bhi 8-10 din bad fir ho jati hai mene kafi doctor ko dikhaya allopathic, homeopathic or aayurvedic medicine li per mujhe koi aaram nahi mil raha hai seena ka extra bhi karaya per kuchh doctor kehte hai ki tumha allergy ho gai hai or kuchh kehte hai ki bronchitis hai to kuchh kehte hai ki tumhe pharyngitis hai . lachhado se to internet per khojne per mujhe bhi pharyngitis hi lag raha hai mene TV specialist ko bhi dikhaya per unka bhi kuchh kehna nahi hai beh allergy batate hai doctor sahah mene seene ka extra to karaya usme kuchh nahi tha per balgum ki janch nahi karai kya in sab upper likhe huye lanchhano se mujhe TV hai kya or me kya karu jisse me theek hao jau please help me ya mujhe swain flu hai

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