Thursday, February 23

क्या आपको ग्रीन टी का सही प्रयोग पता है ?


By- Dr. Kailash Dwivedi

आजकल ग्रीन टी का प्रयोग तेज़ी से बढ़ रहा है | इसे पारंपरिक चाय के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है | ऐसा इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों के चलते हो रहा है | लेकिन क्या आपको ग्रीन टी बनाने एवं इसके प्रयोग की सही विधि पता है, यदि नहीं तो पढ़ें यह आलेख -

ग्रीन टी एक प्रकार की चाय है, जो कैमेलिया साइनेन्सिस नामक पौधे की पत्तियों से बनायी जाती है। इसके बनाने की प्रक्रिया में ऑक्सीकरण न्यूनतम होता है। इसके सेवन के अनेकों लाभ होते हैं। ग्रीन टी हृदय रोग होने की संभावनाओं को कम करने, कोलेस्ट्राल को कम करने के साथ ही शरीर के वजन को भी नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध होती है।

ग्रीन टी में चीनी एवं दूध न मिलाएं :


चीनी को सफ़ेद जहर की संज्ञा दी गयी है | ग्रीन टी में चीनी मिलाने से उसमें कैलोरीज़ बहुत बढ़ जाती हैं।फलस्वरूप वजन नियंत्रित करने के लिए ग्रीन टी पीने का उद्देश्य पूरी तरह समाप्त हो जाता है। अत: इसे बिना चीनी के पीना अधिक लाभदायक है | चीनी के स्थान पर स्वाद के लिए आप शहद मिला सकते हैं।
ग्रीन टी में दूध मिलाने से भी यह प्रभावकारी नहीं होती। क्योंकि दूध में उपस्थित पोषक तत्वों के कारण वज़न कम करने में बाधा आती है।

बची हुयी ग्रीन टी को दोबारा गर्म न करें: 

ग्रीन टी को पुन: गर्म करने से उसमें उपस्थित प्राकृतिक गुण समाप्त हो जाते हैं। अच्छा होगा कि आप ताज़ी बनी हुई चाय ही पियें |

ग्रीन टी पीने का समय एवं मात्रा निश्चित करें :

ग्रीन टी पीने का एक सही समय भी तय होना चाहिए, वरना ये नुकसानदेह भी हो सकता है. ग्रीन टी में कैफीन और टेनिन्स पाए जाते हैं, जो गैस्ट्रिक जूस को डाइल्यूट करके पेट को नुकसान पहुंचा सकते हैं |  इसके अधि‍क इस्तेमाल से चक्कर आने, उल्टी आने और गैस होने जैसी प्रॉब्लम हो सकती हैं | ग्रीन टी कभी भी पी लेना ठीक नहीं है | पूर्ण लाभ के लिए  इसके सेवन का एक समय निश्चित करना उचित होगा | कभी भी भोजन के तुरंत बाद इसका सेवन न करें | बिलकुल खाली पेट भी ग्रीन टी न पिएं | एक दिन में दो या तीन कप ये ज्यादा ग्रीन टी पीना खतरनाक हो सकता है |

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