इंडियन या यूरोपियन स्टाइल के टॉयलेट में कॅमोड पर बैठकर जिसमे जेट हो ।, हैंड जेट स्प्रे को एनस के इतने करीब ले जाएं कि वह उसे छू जाए । ध्यान रहे कि हैंड जेट स्प्रे को एनस के भीतर ले जाने का प्रयास न करें । अब हैंड जेट स्प्रे में पानी की धार चालू करें ।
स्प्रे से निकलनेवाले पानी का प्रेशर इतना अधिक होता है कि पानी बड़ी आँत तक पहुंच ही जाता है । इस प्रक्रिया में बड़ी आँत पर दबाव बनने लगता है और कोलोन तथा रेक्टम के भीतर जमा मल, पुराने कठोर हो चुके मल समेत , बाहर आ जाता है ।
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