यह एक ऐसा प्रयोग है जिसमे किसी औषधि की आवश्यकता नहीं होती है | इसको आप स्वयं बड़ी आसानी से कर सकते हैं | आईये जानते हैं इस प्रयोग की विधि -
जब भी मूत्र त्याग करें तब ऊपर-नीचे के दांतों को आपस में भींचकर रखें | इतने मात्र से ही मसूड़ों में रक्तसंचार बढ़ने लगेगा जिससे दांतों की कमजोरी दूर होने के साथ-साथ कई रोगों में लाभ मिलगा |
जब भी मूत्र त्याग करें तब ऊपर-नीचे के दांतों को आपस में भींचकर रखें | इतने मात्र से ही मसूड़ों में रक्तसंचार बढ़ने लगेगा जिससे दांतों की कमजोरी दूर होने के साथ-साथ कई रोगों में लाभ मिलगा |
- इससे दांतों का पायरिया,खून या पीप आना, दांतों का हिलना बहुत शीघ्र बन्द हो जाता है।
- हिलते दांत आश्चर्यजनक रूप से दृढ़ हो जाते हैं |
- इस प्रयोग को करने से मुंह का लकवा मारने का डर नहीं रहता।
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