ताड़ासन की विधि :
विशेष :
सांस भरते हुए दोनों हाथों, पैरों तथा पूरे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव लाना चाहिए तथा सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं. एकाग्रता शरीर के संतुलन पर रहनी चाहिए.
लाभ :
तिर्यक ताड़ासन की विधि :
विशेष :
ध्यान रहे कि सिर्फ़ बगल में ही झुकना है. शरीर को आगे या पीछे न झुकाएं और न ही अपने शरीर में किसी तरह का घुमाव (Twist) आने दें.
सांस छोड़ते हुए शरीर की गति पर एकाग्रता बनाए रखें. संतुलन बनाएं तथा शरीर के बगल में खिंचाव को अंतर्मन से देखिए, उसे महसूस कीजिए.
लाभ :
- ताड़ एक पेड़ का नाम है. ताड़ की तरह पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचना ही ताड़ासन कहलाता है.
- इसके लिए सीधे खड़े हो जाएं और प्रयास करें कि आपके पैर मिले रहें. साथ ही हथेलियों को अपने बगल में रखें.
- पूरे शरीर को स्थिर रखें और ये ध्यान रहे कि पूरे शरीर का वज़न दोनों पैरों पर बराबर रूप से आए. दोनो हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर रखें. हथेलियों का रुख़ ऊपर की ओर होना चाहिए.
- सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए एवं सिर को ऊपर उठाकर हथेलियों की ओर देखिये , इससे आपके कंधों और छाती में भी खिंचाव आएगा. साथ ही साथ पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएं तथा पैरों की अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बनाए रखिए.
- इस स्थिति को कुछ पल बनाए रखें. कुछ पल रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएं. सुविधानुसार ऐसा 5-10 बार कर सकते हैं.
विशेष :
सांस भरते हुए दोनों हाथों, पैरों तथा पूरे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव लाना चाहिए तथा सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं. एकाग्रता शरीर के संतुलन पर रहनी चाहिए.
लाभ :
- पैरों की अंगुलियों के साथ-साथ टखने भी मज़बूत बनते हैं.
- आमतौर पर हम अपनी छाती और पीठ की मांसपेशियों में कम-कम खिंचाव ला पाते हैं. लेकिन ताड़ासन करने से छाती, कंधे और पीठ की मांसपेशियों में भी खिंचाव आता है.
- ये आसन रीढ़ की हड्डी में भी खिंचाव लाता है. फलस्वरूप शरीर का क़द बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है तथा स्लिप डिस्क की संभावना नहीं रहती.
- कंधों के जोड़ मज़बूत बनते हैं और गहरी सांस लेने-छोड़ने की प्रक्रिया में सुधार होता है.
तिर्यक ताड़ासन की विधि :
- सीधे खड़े हों और दोनों पैरों में दो फ़ीट का अंतर रखें. दोनों हाथों की अंगुलियों को मिलाइए तथा उसे पलट कर सिर के ऊपर रखेंगे.
- सांस भरते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर खीचेंगें तथा सांस छोड़ते हुए कमर से दायीं ओर शरीर को जितना संभव हो सके झुकाएंगे.
- कुछ पल रुकने का प्रयास करेंगे. इस दौरान आपकी सांस कुछ पल के लिए रुक जाएगी. आप शक्ति के अनुसार ही रुकें और न रुक पाने की स्थिति में सांस भरते हुए वापस आ जाएं.
- इसी तरह दूसरी ओर भी करें. इस प्रकार एक क्रम पूरा होगा. आप चाहें तो इसे तीन से पांच बार कर सकते हैं.
विशेष :
ध्यान रहे कि सिर्फ़ बगल में ही झुकना है. शरीर को आगे या पीछे न झुकाएं और न ही अपने शरीर में किसी तरह का घुमाव (Twist) आने दें.
सांस छोड़ते हुए शरीर की गति पर एकाग्रता बनाए रखें. संतुलन बनाएं तथा शरीर के बगल में खिंचाव को अंतर्मन से देखिए, उसे महसूस कीजिए.
लाभ :
- तिर्यक ताड़ासन से शरीर के बगल की ख़ासतौर पर छाती के बगल की मांसपेशियों में खिंचाव आता है तथा उनकी मज़बूती बढ़ती है .
- तड़ासन के सभी लाभ मिलते हैं.
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