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- 4 से 6 ग्राम गूलर के फल का चूर्ण और बिदारी कन्द का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर मिश्री और घी मिले हुए दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पौरुष शक्ति की वृद्धि होती है व बाजीकरण की शक्ति बढ़ जाती है।
- 1 छुहारे की गुठली निकालकर उसमें गूलर के दूध की 25 बूंद भरकर सुबह रोजाना खाये इससे वीर्य में शुक्राणु बढ़ते हैं तथा संतानोत्पत्ति में शुक्राणुओं की कमी का दोष भी दूर हो जाता है।
- 1 चम्मच गूलर के दूध में 2 बताशे को पीसकर मिला लें और रोजाना सुबह-शाम इसे खाकर उसके ऊपर से गर्म दूध पीएं इससे मर्दाना कमजोरी दूर होती है।
- 1 बताशे में 10 बूंद गूलर का दूध डालकर सुबह-शाम सेवन करने और 1 चम्मच की मात्रा में गूलर के फलों का चूर्ण रात में सोने से पहले लेने से धातु दुर्बलता दूर हो जाती है। इस प्रकार से इसका उपयोग करने से शीघ्रपतन रोग भी ठीक हो जाता है।
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