Friday, March 6

हेपेटाइटिस के कारण और बचाव के उपाय


हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी एक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें लिवर की कोशिकाओं मे सूजन आ जाने से वे क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। हेपेटाइटिस का मामूली संक्रमण अपने आप ठीक हो जाता है। अगर इसके लक्षण छह महीने से अधिक दिखाई दें, तो वह एक्यूट हेपेटाइटिस की श्रेणी में आता है। क्रॉनिक हेपेटाइटिस के लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं। वैज्ञानिकों ने हेपेटाइटिस के लिए जिम्मेदार पांच वायरसों की खोज की है। इन्हें ए, बी, सी, डी और ई नाम दिया गया है।
हेपेटाइटिस ए वायरस (एचएवी)
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के मल में पाए जाते हैं और ये मुख्यतया दूषित पानी या भोजन के द्वारा प्रसारित होते हैं। जो लोग गंदे परिवेश में रहते हैं या साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते, उनके इसकी चपेट में आने की आशंका अधिक होती है।
हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी)
यह संक्रमित रक्त, सीमन और दूसरे बॉडी फ्ल्यूड के द्वारा संचरित होता है। यह वायरस जन्म के समय संक्रमित मां से बच्चे में संचरित हो सकता है या नवजात शिशु को परिवार के किसी सदस्य के द्वारा मिल सकता है। यह संक्रमित रक्तदान या दूषित इंजेक्शन से भी फैल सकता है।  
हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी)
यह मुख्यतया दूषित रक्त से संचरित होता है। यह संक्रमित रक्तदान या मेडिकल प्रक्रियाओं के दौरान दूषित इंजेक्शन आदि से भी फैल सकता है। यह शारीरिक संबंधों के द्वारा भी फैल सकता है, लेकिन इसके मामले कम देखे जाते हैं।
हेपेटाइटिस डी वायरस (एचडीवी)
यह संक्रमण केवल उन लोगों में होता है, जो हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित होते हैं।
हेपेटाइटिस ई वायरस (एचईवी)
हेपेटाइटिस ए वायरस के समान ही एचईवी भी दूषित पानी या भोजन के द्वारा प्रसारित होता है। इसके मामले बहुत अधिक देखे जाते हैं।
लक्षण :  
कई लोगों में प्रारंभ में हेपेटाइटिस का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है। आमतौर पर इसके लक्षण 15 से 180 दिनों के बाद दिखाई देते हैं। संक्रमण गंभीर होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं-
·       बुखार आना
·       डायरिया
·       थकान
·       यूरिन का रंग गहरा होना
·       मल का रंग पीला हो जाना
·       खुजली रहना
·       भूख न लगना
·       उल्टी होना
·       पेट में दर्द होना
·       दिल घबराना
·       मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
·       वजन कम होना
·       सिर दर्द
·       चक्कर आना
·       त्वचा, आंखों के सफेद भाग, जीभ का रंग पीला पड़ जाना (ये लक्षण पीलिया में दिखाई देते हैं)
·       महिलाओं में मासिक धर्म का गड़बड़ा जाना
·       लिवर का आकार बढ़ जाना
कारण :
·       विभिन्न प्रकार के संक्रमण।
·       नशा करना (शराब और कुछ निश्चित ड्रग्स का सेवन)।
·       ऑटोइम्यून डिसीज भी हेपेटाइटिस का कारण बन सकती हैं।
·       कुछ निश्चित दवाओं के इस्तेमाल के दुष्प्रभाव से भी यह बीमारी हो सकती है।
निदान :
·       एक ब्लड टेस्ट के जरिए गंभीर और क्रॉनिक एचबीवी संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। उन लोगों के लिए स्क्रीनिंग उपलब्ध है, जिन्हें एचबीवी संक्रमण होने का खतरा अधिक है अथवा जांच में स्पष्ट नहीं हुए एचबीवी संक्रमण के चलते जटिलताएं हो चुकी होती हैं।
हेपेटाइटिस के कारण होने वाली स्वास्थ्य जटिलताएं
क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी या सी के कारण अकसर अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं, क्योंकि ये वायरस प्रमुख रूप से लिवर पर आक्रमण करते हैं। जिन लोगों को हेपेटाइटिस बी या सी है, उनमें इन स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है-
·       क्रॉनिक लिवर डिसीज
·       लिवर सिरोसिस
·       लिवर कैंसर
·       लिवर फेल्योर
·       किडनी फेल्योर।
रोकथाम
·       साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

·       टैटू के लिए स्टरलाइज नीडल का इस्तेमाल करें।
·       सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाएं।
·       अपने टूथब्रश और रेजर किसी के साथ साझा न करें।
·       शराब का सेवन न करें या अत्यंत कम मात्रा में करें।
·       विशेषकर टॉयलेट से आने के बाद सफाई का ध्यान रखें।

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